Wednesday, April 15, 2015


न जानना कहां तक अच्छा है !
 ज्ञान कहां तक वर है
कहां से अभिशाप है!

सीमा निर्धारण के रास्ते
मरूभूमि की रेत से
असंख्य अनगनित!

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